पुलिस की विवेचना सेम्पल की जांच रिपोर्ट पर अटकी - आरोपी की तलाश जारी। ट्रंसपोर्ट कम्पनी मालिक पर भी हो सकती है कार्यवाही। पीडित किसान है परेशान।





अगस्त माह की 8 तारिख को केमिकल से भरा एक टेंकर बड़ी धामनी गांव में एक मोड़ पर पलट गया था। जैसे ही टेंकर पलटा पास पड़ौस के रहवासी घर से बाहर निकले और पुलिस को फ़ोन लगाया। साथ ही गान्व की पटवारी और थांदला के तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे।
गांव वाले बताते है कि टेंकर से बहुत मात्रा में केमिकल बहा और खेतों में जा कर फसलों को नष्ट करने लगा। केमिकल टेंकर से निकला धुआं इतना खतरनाक था कि पेड़ो के पत्ते जल गये मक्का और सोयाबीन की फसल जल गयी दुर खेतो तक गये। केमिकल के धुएं से वहां की फसल भी मुर्झा गयी। 
किसानो का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिये कुछ भी उनको नहीं मिला यहां तक कि किसानों की कोई भी सुनवाई भी नहीं हुई। जीतने भी किसान है जिसके खेतों में केमिकल और उसके धुएं से नुकसान हुआ है वो बहुत परेशान है किसानों को डर है कि केमिकल के कारण उनके खेतों की उपजाऊ क्षमता सालो तक समाप्त हो जायेगी। किसानों की इस चिंता की चिंता किसी को नहीं है।


इस मामले में पटवारी ने बताया कि, मौके पर जो रिपोर्ट तैयार की थी उसे तहसील कार्यालय में जमा करवा दी गई है। 

किसान अपनी व्यथा लेकर थाना प्रभारी के पास भी गये थे लेकिन खाली हाथ वापस घर लौट आये। 

टेंकर पर कार्यवाही को लेकर थाना प्रभारी ने बताया कि केमिकल के सेम्पल को जांच के लिये भेजा गया है और आरोपी की तलाश जारी है। वाहन मालिक की भी तलाश की जा रही है। कार्यवाही में इंदौर लेब में भेजी गयी जांच रिपोर्ट का इन्तज़ार है। उसके बाद केमिकल कम्पनी के ट्रांसपोर्ट कम्पनी वालों से भी पूछताछ की जायेगी वें दोषी पाये गये तो ट्रांसपोर्ट वालों पर भी कार्यवाही की जायेगी। 


केमिकल को कम्पनी से बाहर भेजने का खेल बहुत ही उलझी हुई गुत्थि है एक ऐसा है जो करीब-करीब 30 वर्षो से केमिकल के खेल में खिलाड़ी रह चूका है। जिसका किस्सा भी इस पलटे हुये टेंकर में महत्वपूर्ण है। केमिकल के इस खेल में दो महारथी है जो पूरे काम को संचालित करते है। केमिकल के टेंकर को कब कैसे और कहा से किसके द्वारा बाहर निकाल कर किस स्थान पर उसे खत्म करना होता है वो दोनों साथी सब कुछ करवाते हैं जिसके लिये सभी को अपनी तरफ से मिठाई खिलते रहते हैं। 

हालांकि पुलिस अब नादान बच्चे की तरह मासूमियत से स्वयं को टेंकर की जांच में कर्तव्यनिष्ठ बता रही है, मगर कार्यवाही की रफ्तार और उसकी स्थिति के बारे में पूछने पर नज़रे चुराती प्रतित होती है। 


बहरहाल सूखी मिट्टी पर पानी के छींटे पड़ जाये तो खुश्बू में सौंधापन समवित हो जाता है, लेकिन गांव बड़ी धामनी में किसानों को अब केमिकल से जल चुकी मिट्टी में खुश्बू नही आएगी।
केमिकल से जुड़ी इस गुत्थि में कम्पनी के मालिक का हाथ उन दो महारथियों से मिला हुआ है। ट्रांसपोर्ट कम्पनी वाले केमिकल को बाहर निकलने और किसी स्थान पर पहुंचाने का एक दिन में अच्छा खासा दाम पका लेते हैं।

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