महिलाएं पीपल की छाल को अपने घर ले जाती हैं एवं अपने दुकान के गले में या फिर सोने के आभूषण में रखा जाता है कहते हैं इससे धन की वृद्धि होती हैं।
कच्चे सूत का धागा 10 तार वाला लिया जाता है जिसमें 10 गठान होती है धागे की भी विधि विधान से पूजा की जाती हैं उसके पश्चात यह धागा महिलाएं अपने गले में पहन लेती हैं और इसे साल भर तक सुरक्षित संभाल कर रखती हैं। अगले वर्ष यह धागा पीपल के वृक्ष के पास रख देती है और नया धागा धारण कर लेती हैं पूजा के पश्चात कथा श्रवण करती है इस प्रकार से दशा माता का व्रत महिलाएं करती हैं।
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