पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों में विवाद की असली वजह- पुलिस प्रशासन ने लिया अहम फैसला। आडियो वायरल के कारण निलम्बित हुये एसपी के मामले की हो सकती है जांच।




प्रदेश मुखिया के पेटलावद आने के एक दिन पहले पॉलिटेक्निक के छात्रों के बीच विवाद हुआ, जो मारपिट तक पहुंचा। मामला मारपिट का कॉलेज प्रशासन से सम्भल नही पाया तो जूनियर्स सीधे पुलिस की शरण में चले गये। अब कोतवाली पर पहुंच कर विवाद करने वालों ने हंगामा किया और FIR की मांग की। 


पुलिस ने समझाया भी कि स्टूडेंट्स के ऐसे मामलों में FIR नहीं  की जाती हैं जहां तक बात शान्तिपूर्ण रवैये की बात है वहां पुलिस कार्यवाही करेगी। मगर विद्यार्थी भी हठी थे और दूसरे छात्रों पर FIR करने की मांग पर अड़े रहे। जिसके बाद एसपी को फ़ोन लगाया गया, कलेक्टोरेट में हंगामा किया। 
जिसके दो दिन के बाद फिर से कॉलेज में विवाद बड़ा, और टी आई, एसडीओपी, तहसीलदार, तक वहां पहुंचे और छात्रों को विवाद न करने की समझाइश दी। मगर झगड़ालु छात्रों ने एक नहीं मानी।
जिसके बाद प्रशासन ऐक्शन में आया और सभी को रेस्टीगेट किया और होस्टल बन्द कर दिया। साथ ही एक अहम फैसला लिया कि, अब जब छुट्टियां समाप्ति के बाद जब फिर से कॉलेज शुरू किये जायेगे तब होस्टल के सभी छात्र अपने पेरेंट्स को लेकर कॉलेज प्रशासन से बात करवाने लाएगे।  
इस मामले में टी आई  संजय रावत ने बताया कि, कॉलेज में दो गुट बन गये है एक गुट बड़वानी, धार, खरगोन, का है तो दूसरे गुट में आलिराजपुर और झाबुआ हैं। अब बड़वानी वाले अपनी मनमानी करते है और उकसाते भी है। बीते दिन जब पुराने विवाद में सब ठीक से समझौता हो गया गले मिल लिये। जो 16 छात्र थे उनको घर भेज दिया फिर वापस से दो बच्चों में जो कि एक ही रूम में शुरू से रहे है उन दोनों में बहस छिड़ गई। 
रूम नम्बर एस25 में चार विद्यार्थी रहते है बस वहां गुटबाजी समाने आ गई और आलिराजपुर वाले से बड़वानी वाले छात्र कि अलमारी को लेकर बहस हो गयी। बस मामले ने तुल पकड़ ली। 


हालांकि, एस 25 रूम में रहने वाले ने भी गुटबाजी को बड़ावा देने के चक्कर में विवाद को बढ़ाया था। और उसे ने समझौता हो जाने के बाद फिर से विवाद कर आग में घी डालने का का काम किया। 

बहरहाल, एसपी के निलंबन का मामला जिले के लिये एक बहुत बड़ा मामला है, अगर इसकी जांच हो तो बहुत सी बातें बाहर आ सकती है। 
बच्चों को पढ़ाई के दौरान गुट बाजी में नही वरन एक हो कर लड़ाई झगड़े से दूर रह कर पढ़ाई में ध्यान देना चाहिये। वहीं कॉलेज प्रशासन को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये कि बच्चे सिर्फ पढ़ाई करे न कि गुंडागर्दी न ही गुटबाजी।

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